दिल्ली का सराय काले खां चौक अब बनेगा भगवान बिरसा मुंडा चौक, झारखंड सीएम ने उठाए सवाल
दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा चौक रखने की केंद्र सरकार की घोषणा पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह नामकरण किया।
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया पर एक फोटो साझा करते हुए कहा, “क्या यह हमारे भगवान बिरसा मुंडा का सम्मान है? अगर यह अपमान नहीं है, तो और क्या है?” उन्होंने सवाल उठाया कि राजधानी दिल्ली में आदिवासियों के आराध्य भगवान बिरसा मुंडा के लिए इससे बेहतर स्थान क्यों नहीं चुना गया।
सीएम की नाराजगी
सोरेन ने लिखा कि “हमारे भगवान और हमारे आदिवासी नायक को उचित सम्मान देने के बजाय एक ऐसे स्थान का चयन किया गया, जो न तो उनकी प्रतिष्ठा के अनुकूल है और न ही हमारी आस्था के।” उन्होंने सेंट्रल विस्टा जैसे प्रतिष्ठित स्थान का नाम बिरसा मुंडा पर रखने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने इस निर्णय को झारखंड समेत देश के सभी आदिवासियों का अपमान बताया।
सराय काले खां का इतिहास
सराय काले खां चौक का नाम 14वीं शताब्दी के सूफी संत काले खां के नाम पर पड़ा। मुगल शासनकाल में यह स्थान एक ऐतिहासिक सराय के रूप में जाना जाता था, जिसे बाद में उनके नाम से जोड़ दिया गया।
राजनीतिक और सांस्कृतिक सवाल
सीएम सोरेन की इस प्रतिक्रिया ने न केवल झारखंड, बल्कि अन्य जनजातीय समुदायों के बीच भी चर्चा को जन्म दिया है। भगवान बिरसा मुंडा को जनजातीय नायक और स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है। ऐसे में उनके नाम से जुड़े स्थान को लेकर उचित चयन पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या बिरसा मुंडा के नाम का सम्मानजनक उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।